Monday, January 8, 2018

चुटकी भर नमक

हम्म!!!!!
माना कि तुम मास्टर शेफ हो
सब कुछ पकाना आता है तुम्हें
कुछ भी बना सकते हो सजा सकते हो
ज़िंदगी के फ़्रिज़ में जो भी मिल जाय
उससे तैयार कर सकते हो दुनियादारी का
एक नया व्यंजन लुभावना सा
कुछ खट्टा कुछ मीठा कुछ तीखा सा
मसालों की तो भरमार है ही
तुम्हारे आस पास
तीखा तेज़ दिमाग और
गरम मसाले सा स्वभाव  तुम्हारा
हाँ! एक मन भी है
हरी इलायची सा महकता है
हल्का हल्का भीना भीना सा
पर उसकी तुम सुनते ही कब हो
ख़ैर! इन सबके बीच हो ही जाता है
तैयार, ये पकवान बातों इरादों का
मगर ज़ायका कुछ अधूरा सा है
हाँ! भावनाओं के डिबिया में
अब कोई खड़खड़ जो शेष नहीं
और अब मैं भी तुम्हारे पास नहीं
तो बताओ, कहाँ से लाओगे
अपनी ज़िंदगी के पकवान में
ये चुटकी भर नमक!!!!!

© रंजना

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