Saturday, September 18, 2021

मन में रहना गजानन





हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि गणेश जी का जन्म माघ माह में चतुर्थी को हुआ था। तब से, भगवान गणेश के जन्म की तारीख गणेश चतुर्थी के रूप में मनानी शुरू की गई। हालांकि गणेश चतुर्थी के पर्व पर पूजा प्रारंभ होने की सही समय किसी को पता नहीं परंतु फिर भी इतिहास व लोक कथाओं से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि गणेश चतुर्थी लगभग 1630-1680 के दौरान छत्रपति शिवाजी के समय में एक सार्वजनिक समारोह के रूप में मनाया जाता था। उस समय, यह गणेशोत्सव उनके साम्राज्य के कुलदेवता के रूप में नियमित रूप से मनाना शुरू किया गया था। 1893 में बाल गंगाधर लोकमान्य तिलक द्वारा ब्राह्मणों और गैर ब्राह्मणों के बीच संघर्ष को हटाने के साथ ही लोगों के बीच एकता लाने व ब्रिटिश शासन के दौरान बहुत साहस और राष्ट्रवादी उत्साह के साथ अंग्रेजों के क्रूर व्यवहार से मुक्त होने के लिए एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में पुन: पुनर्जीवित किया, गणेश विसर्जन की रस्म बाल  गंगाधर लोकमान्य तिलक द्वारा ही स्थापित की गई थी। आजकल तो यह त्योहार हिंदू एवं बहुत से अन्य समुदाय के लोगों द्वारा पूरी दुनिया में मनाया जाता है। अब इसे समुदाय की भागीदारी के माध्यम से मनाना शुरू किया गया। समाज और समुदाय के लोग इस पर्व को एक साथ सामुदायिक त्योहार के रुप में मनाने के लिए बौद्धिक भाषण, कविता, नृत्य, भक्ति गीत, नाटक, संगीत समारोहों, लोक नृत्य करना, आदि क्रियाओं को सामूहिक रुप से करते हैं। ऐसे में यह तय करना भी आवश्यक है कि इतनी बड़ी भीड़ को कैसे नियंत्रित करना है। आजकल उत्सव जहाँ एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराते हैं तो वहीं पर्यावरण प्रदूषण के संवाहक भी बन जाते हैं, इसलिए ध्यान रहे कि कहीं ऐसा ना हो कि विघ्न विनाशक के विग्रह विसर्जन के बाद खण्डित होकर अपमानित होते रहें और हमारी आस्था और परंपरा पर व्यंग करते रहें तथा उनका रसायन धीरे धीरे हमारी मृदा और जल में रिसता रहे! गणपति को हरी दूब अत्यंत प्रिय है, यह एक संकेत भी है कि वातावरण में हरियाली और खुशहाली बनाये रखें!
साथ ही यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि उत्सव के माहौल में सामाजिक सौहार्द भी बना रहे, प्रथम पूज्य भगवान के पूजन की सार्थकता तभी है जब हम प्रथम महत्व किसी अन्य को दें! आखिर में बस इतना ही कि

हे गणेश काटो कलेश!!
दुख का रहे ना कोई अवशेष!!
 

2 comments:

  1. बहुत खूब सुहानी ! लगता है गणपति तुमने ही बनाया है !👌👌👌👌👌👌
    आलेख भी सारगर्भित !👌👌

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  2. जी, ये ईको गणपति सुहानी ने ही बनाये हैं!

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