#नीली_कमीज़
बॉयज़ का फ़ेवरिट ब्लू और गर्ल्स का पिंक...
ऐसा ही सुनती और देखती आयी हूँ अक्सर मगर मैं ज़रा उल्टे दिमाग की हूँ। ना जाने कब से और क्यों ये नीला रंग मुझे ऐसा भाया की मन करता था पूरी दुनिया ही रंग दूँ समुद्र जैसी गहराई और आसमान जैसी ऊँचाई वाले नीले रंग में।
इलाहाबाद चतुर्थ वाहिनी पीएसी के सरकारी आवास में रहते थे हम। सरकारी होने के कारण घर बाहर से पीली मिट्टी और गेरू के रंग का होता था मगर घर के अंदर का आधे से ज़्यादा हिस्सा हल्का नीला ही हुआ करता था कभी और इसके साथ ही पापा को ख़ाकी के अलावा नीले के ही ज़्यादा शेड्स में देखती थी। हल्का, गहरा, आसमानी, नेवी रंग की चेक, स्ट्राइप्स या सॉलिड शर्ट। वो शर्ट्स भी अक्सर मेरी ही लायी हुई होती थीं या तब ख़रीदी गयीं थीं जब मैं भी साथ होती थी पापा के।
मेरी पसंद के चक्कर में पापा ने शायद ही कभी अपनी पसंद के बारे में सोचा होगा और मैंने भी कभी जानना ही नहीं चाहा। बस एक बार यूँ ही बातों बातों में पूछ लिया तब पता चला कि मेरे पापा का फ़ेवरिट कलर है पर्पल यानि बैंगनी।
बहुत ज़ोर से हँसी थी मैं... #पर्पल... ये भी किसी का फ़ेवरिट होता है क्या....
आप बस मुस्कुरा दिए थे और एक बार फिर तैयार हो गए थे मेरी लायी नीली कमीज़ पहन कर। वो नीली कमीज़ आज भी आपके होने का एहसास कराती है और ये भी कि बैंगनी में ही समाया हुआ है नीला भी।
#मेरे_पापा... ❤
चित्र : गूगल से साभार
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