Monday, February 5, 2018

Happy Parenting

समय सचमुच पंख लगाकर उड़ता है। मातृत्व के ग्यारह सुखद साल कब निकल गए पता ही नहीं चला। मानो कल की ही बात है जब  उसने अपनी चमकीली आँखों से मेरी ज़िंदगी में रोशनी भर दी थी। उसकी मुस्कान से दुनिया सँवर गयी थी और हमने उसे नाम दिया Suhani 😇

अब वो ज़्यादा समझदार है, पहले से ज़्यादा ज़िम्मेदार है और हर माँ की तरह मैं भी कुछ न कुछ सिखाती ही रहती हूँ। जैसे कि......

🔵मैं उसे सड़क पर हँसने से नहीं रोकती मगर मैं उसे सिखा रही हूँ कि गिरने वाले पर नहीं हँसा जाता बल्कि मदद के लिए हाथ बढ़ाया जाता है।

🔵मैं उसे सिखा रही हूँ स्वतंत्रता का मतलब, मगर ये भी बता रही हूँ कि बंद दरवाज़े पर बिना दस्तक दिए नहीं जाया जाता।

🔵मैं उसे ये भी बता रही हूँ कि किसी का बैग टटोलना बैड मैनर्स है मगर उसका दिल टटोलना ह्यूमैनिटी।

🔵मैंने उसे ये भी बताया है कि अपनी बात कहने से कभी संकोच मत करना मगर दूसरे की बात भी ज़रूर सुनना।

🔵मैं उसे बता रही हूँ कि सुंदर होना और दिखना अच्छी बात है मगर सुंदर महसूस करना और भी अच्छी बात है।

🔵मैंने उसे भरोसा दिलाया है कि आत्म विश्वास अगर साथ है तो जहाँ माँ साथ नहीं है, वहाँ भी साथ है।

🔵मैं उसे बता रही हूँ कि क्या है गुड टच और बैड टच।

🔵मैं उसे सिखा रही हूँ सलीके से बोलना मगर वक्त पड़ने पर चिल्लाना भी आता हो ये भी ज़रूरी है, बता रही हूँ।

#HappyParenting
#Love_Motherhood

Monday, January 8, 2018

चुटकी भर नमक

हम्म!!!!!
माना कि तुम मास्टर शेफ हो
सब कुछ पकाना आता है तुम्हें
कुछ भी बना सकते हो सजा सकते हो
ज़िंदगी के फ़्रिज़ में जो भी मिल जाय
उससे तैयार कर सकते हो दुनियादारी का
एक नया व्यंजन लुभावना सा
कुछ खट्टा कुछ मीठा कुछ तीखा सा
मसालों की तो भरमार है ही
तुम्हारे आस पास
तीखा तेज़ दिमाग और
गरम मसाले सा स्वभाव  तुम्हारा
हाँ! एक मन भी है
हरी इलायची सा महकता है
हल्का हल्का भीना भीना सा
पर उसकी तुम सुनते ही कब हो
ख़ैर! इन सबके बीच हो ही जाता है
तैयार, ये पकवान बातों इरादों का
मगर ज़ायका कुछ अधूरा सा है
हाँ! भावनाओं के डिबिया में
अब कोई खड़खड़ जो शेष नहीं
और अब मैं भी तुम्हारे पास नहीं
तो बताओ, कहाँ से लाओगे
अपनी ज़िंदगी के पकवान में
ये चुटकी भर नमक!!!!!

© रंजना