Wednesday, April 1, 2020

कोरोना: जानकारी ही बचाव

                      


कोरोना वायरस कई तरह के विषाणुओं का एक समूह है जो  स्तनधारियों में रोग उत्पन्न करता है! अधिकांशत: इसका संक्रमण गंभीर नहीं होता परंतु मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण ने इसे घातक बना दिया है! मनुष्य में यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है! कई बार यह संक्रमण इतना गंभीर होता है कि मृत्यु तक हो सकती है, परंतु ज्यादातर इस विषाणु से जनित रोग ठीक हो जाते हैं! करीब 10 से 15% को ही सघन चिकित्सा की आवश्यकता होती है! इसकी मृत्यु दर तकरीबन 4 से 5% है!

अब तक कोरोना परिवार के छ: वायरस सामने आ चुके हैं! इस समय पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाला कोरोना वायरस इस परिवार का सातवां वायरस है! यह वायरस अत्यंत सूक्ष्म मगर तेजी से प्रभावी होने वाला वायरस है! इसे नाम दिया गया है कोविड-19 ! अनुमान है कि यह वायरस सबसे पहले चीन में बिल्लियों द्वारा मानव शरीर तक पहुँचा है! इस वायरस का संक्रमण दिसंबर महीने में चीन से शुरू हुआ, इससे पहले इसे कभी नहीं देखा गया!  यह वायरस अलग-अलग सतहों पर 2 से 3 घंटों से लेकर 21 दिनों तक जीवित रह सकता है! यह वायरस चलती अथवा बहती हवा में ज्यादा ठहर नहीं पाता है लेकिन बंद जगह में जैसे शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल या हवाई अड्डे आदि पर यह तेजी से फैल सकता है!

कोरोना की जाँच नाक व गले से नमूना (बलगम) लेकर विशेष तरह के सूक्ष्मदर्शी यंत्रों से की जाती है!

                  


लक्षण :

यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है, इसके लक्षण फ्लू से मिलते जुलते हैं! विश्व संगठन द्वारा महामारी घोषित किए जाने वाले कोरोनावायरस संक्रमण के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं -

⚫ कोरोनावायरस का मुख्य लक्षण शरीर के तापमान का बढ़ना है शरीर के तापमान का 100 डिग्री अथवा अधिक हो जाना इसका लक्षण माना जाता है! 99 या 99.5 डिग्री तापमान को सामान्य ही माना जाता है!

⚫ सुखी खाँसी का आना परंतु छाती में कफ़ अथवा बलगम महसूस करना भी कोरोना संक्रमण का ही लक्षण है!

 ⚫ खाँसी के साथ शरीर दर्द, सिर दर्द अौर थकान महसूस करना भी कोरोना संक्रमण को प्रकट करता है!

⚫ कोरोना संक्रमण में कई बार बुखार के साथ ठंड अथवा कंपकंपी भी महसूस होती है!
 
⚫ डायरिया भी कोरोना संक्रमण का एक लक्षण होता है, कई बार उल्टी व दस्त का आना भी संक्रमण की पहचान कराता है!
   
⚫ सर्दी खाँसी के साथ नाक बहना भी एक लक्षण है परंतु नाक बहना मुख्य लक्षण नहीं माना गया है! यह सामान्य सर्दी या एलर्जी भी हो सकती है
   
⚫ यह भी पाया गया है कि संक्रमित व्यक्ति की सुनने व स्वाद लेने की क्षमता में भी कमी हो जाती है!
     
⚫ संक्रमित व्यक्ति को पाँच दिनों के भीतर साँस लेने में समस्या आ सकती है सांस लेने में समस्या फेफड़ों में फैलते कफ के कारण होती है!



बचाव :

कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति का उपचार मात्र उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है अभी तक इस वायरस की कोई दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है ऐसे में बचाव ही मात्र एक उपचार

⚫ खाँसी और छींक के साथ उड़ती हुई छींटों से यह वायरस आसपास के व्यक्तियों को संक्रमित करता है अतः संक्रमित मरीज को मास्क का प्रयोग करना चाहिए!

⚫ सामान्य स्थितियों में भी खास तैयारी के समय मुंह व नाक पर नैपकिन का प्रयोग करना चाहिए!

⚫ जिन्हें फ्लू हो, ऐसे व्यक्तियों से कम से कम 3 फीट की दूरी रखनी चाहिए!

⚫ व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए हाथों को कोहनी तक नियमित समयांतराल पर साबुन व पानी से अच्छी तरह धोते रहना चाहिए! इसके लिए अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र का प्रयोग भी किया जा सकता है!

⚫ अपने हाथों को नाक, मुँह व चेहरे पर लगाने से बचना चाहिए!


⚫ इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखें इसके लिए विटामिन सी का भरपूर प्रयोग करें विटामिन सी हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाता है इसके अलावा आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है!

⚫ तनाव, शराब का सेवन व धूम्रपान हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को क्षीण करने वाले कारक हैं, अत: इन से दूर रहें!



इतनी आक्रामकता और शीघ्रता के साथ बढ़ते हुए कोरोनावायरस संक्रमण से घबराहट व भय स्वाभाविक है परंतु कोरोना संक्रमण का अर्थ सीधी मृत्यु नहीं है! कई उदाहरण इसके साक्ष्य हैं कि उपचार के बाद मरीज ठीक भी हुए हैं! हालांकि अब तक इसका कोई पुख्ता इलाज उपलब्ध नहीं है अतः जागरुकता के साथ-साथ विशेष सतर्कता भी आवश्यक है!


रंजना यादव