Saturday, August 1, 2020

यारो दोस्ती बड़ी ही हसीन है



                    

यार मेरी ज़िन्दगी

एक रिश्ता जो दुनिया में सबसे अनमोल और अनोखा है। माँ की तरह दुलार करता है तो गलती करने पर पिता की तरह कठोर फटकार भी लगा देता है। मार्गदर्शक बनकर रास्ता दिखाता है तो कभी कभी नीम हकीम बन कर ख़तरा ए जान भी हो जाता है।
जी जनाब, बात कर रही हूँ दोस्त और दोस्ती की। दो लोगों के बीच एक ऐसा लगाव जिसमें कोई मतलब ना हो। एक ऐसा रिश्ता जो परिवार का ना होकर भी दिल के सबसे करीब होता है और जिसमें समा जाते हैं दुनिया भर के सारे रिश्ते।
दोस्ती का रिश्ता ऐसा ही रिश्ता है फिर चाहे दोस्ती इंसान की इंसान से हो या पशु - पक्षी, फूल - पौधे, या किताबों से हो।
किताबें हमारी सबसे अच्छी और सच्ची दोस्त हैं जो ना तो आपसे कभी शिकायत करती हैं, ना नाराज़गी दिखाती हैं और ना ही कभी कोई फ़रमाइश ही करती हैं। हाँ मगर आपको देती बहुत कुछ हैं।
आज की प्रासंगिक दुनिया में जब सब कुछ साथ छोड़ जाता है तब भी किताबें आपका साथ निभाती हैं। सुख हो, दुख हो, उदासी हो या हो कोई भी मौसम। किताबें हमेशा साथ देती हैं, पास रहती हैं।
यदि एस्प कहीं साहित्य लिखने पढ़ने के शौकीन हैं तो यकीन मानिए आपको कभी भी खाली समय ही नहीं मिल पायेगा। आप सदैव कुछ न कुछ सृजन करने अथवा पढ़ने में ही व्यस्त रहेंगे। इससे ज़िन्दगी में सकारात्मकता भी बनी रहेगी।
किताबों की दुनिया से बाहर निकल कर भी साहित्यकारों के लिए दोस्ती के बड़े मायने हैं। यही वे लोग हैं जो आपको निखारने और सँवारने का काम किसी जौहरी की तरह करते हैं। दोस्तों में ही हमें बेहतरीन समीक्षक भी मिलते हैं। दोस्तों का आलोचनात्मक रवैया हमें सुधार करने पर मजबूर कर देता है। यानी आलोचक से भी दोस्ती एक बड़ी भूमिका निभाती है। इसलिए ही कबीरदास जी ने कहा है -

निंदक नियरे राखिये, आँगन कुटी छवाय
पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय

सच्चा दोस्त वही है जो आपजी अच्छाइयों के लिए तालियाँ बजाकर स्वागत करता है तो गलतियों के लिए ऊँगली भी उठाता है। जब अकेले पड़ जाते हैं तो दोस्त ही कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ा होता है। जब कोई और असपको सुनने वाला नहीं होता है तब दोस्त न सिर्फ़ आपको सुनता है बल्कि समझता भी है। दोस्त के साथ राज़ छिपाए नहीं जा सकते और वो इसलिए क्योंकि दोस्त कोई और नहीं बल्कि उसके अंदर आप स्वयं होते हैं और आप में होता है दोस्त।

तुम सिर्फ़ तुम नहीं हो मैं हो
मैं सिर्फ मैं नहीं हूँ तुम हूँ
ये थोड़ा सा मुझमें तुम
और तुम में मैं होना ही
हमें बनाता है हम

किसी ने बहुत सुंदर और बिल्कुल सच कहा है कि -

दोस्त ज़िन्दगी में नहीं मिलते
ज़िन्दगी मिलती है दोस्तों में

रंज ना ☺
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