Wednesday, February 19, 2020

एक मुलाकात : अभिनेता संजीव शर्मा के साथ



कड़ी मेहनत और कार्यकुशलता से पूरे होते हैं सपने : संजीव शर्मा

बचपन में हम सभी कभी ना कभी अभिनेता या अभिनेत्री बनने का सपना जरूर देखते हैं! खासकर छोटे शहरों के युवाओं की आँखों में माया नगरी के सपने जुगनू की तरह टिमटिमाते हैं मगर समय के साथ साथ जहाँ कुछ लोगों के सपने अंधेरों में गुम हो जाते हैं, वही कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इन सपनों को जीते हैं उनके साथ ही बड़े होते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश भी करते हैं! बहुत मेहनत और संघर्ष के बाद उनकी कोशिश रंग लाती है! उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से निकले संजीव शर्मा भी एक ऐसा ही नाम हैं, जिन्होंने मुंबई में अथक मेहनत पूरे प्रयास और अपने अभिनय के हुनर से अपने आप को एक अभिनेता के रूप में स्थापित किया ! 


इस लिंक को क्लिक करके आप उनके फेसबुक प्रोफाइल पर जा सकते हैं!



फ़िल्म पद्मावत में हजूरिया बने संजीव शर्मा
धारावाहिक राधा कृष्ण में कृष्ण बने सुमेध मुदालकर और अक्रूर बने संजीव शर्मा

पद्मावत सहित अब तक कई बड़ी फिल्मों में चरित्र अभिनेता के रूप में दिखाई दिए साथ ही साथ दर्जनों धारावाहिक कर चुके संजीव शर्मा इस समय स्टार भारत के लोकप्रिय धारावाहिक राधा कृष्ण में अक्रूर की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं ! राधा कृष्ण में अपनी भूमिका से संतुष्ट संजीव शर्मा बताते हैं कि "यह सीरियल बहुत ही अच्छा है, जिसमें राधा कृष्ण के अमर प्रेम को दर्शाया गया है और इस सीरियल को दर्शकों का प्यार लगातार मिल रहा है" इसके अलावा 'राम सिया के लव कुश' में आपने संजीव को महर्षि वाल्मीकि के रूप में भी देखा है! महर्षि बने संजीव का लुक व अभिनय इतना सजीव है कि बच्चे तक मोहित होकर उन पर कविताएं लिखने लगे हैं! जी हाँ हमारे शहर कानपुर की नन्हीं कवयित्री ने भगवान वाल्मीकि बने संजीव शर्मा से प्रेरित होकर भगवान वाल्मीकि पर कविता रची है, इस कविता का लोकार्पण भी स्वयं संजीव शर्मा ने किया!

इस कविता को आप नीचे के लिंक पर देख सकते हैं! 


नन्हीं कवयित्री सुहानी ने रची महर्षि वाल्मीकि पर कविता

लव कुश और गुरू वाल्मीकि

अब तक गुड न्यूज़,  हॉन्टेड, लकी कबूतर, चापेकर ब्रदर्स, पद्मावत जैसी कई बड़े बैनरों की फ़िल्मों के साथ कई धारावाहिक जैसे क्राइम पेट्रोल , सावधान इंडिया , पिया अलबेला , झाँसी की रानी , अम्मा आदि में अपने काम के अनुभव के आधार पर उन्होंने बताया कि फ़िल्म और टी.वी. , दोनों माध्यमों में बहुत अंतर है ! कोई भी कलाकार जब अभिनेता बनने के लिए मुंबई पहुँचता है तो उसकी पहली प्राथमिकता फ़िल्में ही होती हैं , कारण यह है कि बड़े पर्दे से आपको पहचान जल्दी मिल जाती है वहीं छोटा पर्दा हमें धीरे धीरे पहचान देता है ! परन्तु इसके माध्यम से आप घर घर पहुँच जाते हैं और आपकी यह पहचान लंबे समय तक लोगों के दिलों में ज़िन्दा रहती है ! दोनों ही माध्यमों में अपनी अपनी जगह करने के लिए बहुत कुछ है ! 
संजीव शर्मा और गोविंद नामदेव (फ़िल्म चापेकर ब्रदर्स)

अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान को आदर्श मानने वाले संजीव शर्मा का कहना है कि एक कलाकार को ताउम्र सीखते रहना चाहिए ! अनुभव हमें बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं ! गोविंद नामदेव , शहज़ाद ख़ान , शबाना आज़मी और दीपिका पादुकोण व अक्षय कुमार जैसे बड़े और लोकप्रिय कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव साझा करते हुए संजीव शर्मा कहते हैं कि कार्यकुशलता के साथ साथ एक कलाकार को व्यवहार कुशल भी होना चाहिए आपका व्यवहार ही आपको भीड़ से अलग खड़ा करता है ! सह कलाकारों का सम्मान , समय की प्रतिबद्धता और काम के प्रति ईमानदारी ही वह तत्व हैं जो हमारा रास्ता आसान बनाते हैं और हमें मंज़िल की तरफ लेकर जाते हैं ! संजीव शर्मा आज जहाँ भी स्थापित हैं इसका श्रेय वे अपने परिवार , मित्रों , शिक्षकों के सहयोग और दर्शकों के प्यार को देते हैं ! 
उत्तर प्रदेश के होने के कारण वे स्वयं को कानपुर से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं ! कानपुर से रिश्ता पूछने पर बताते हैं कि वे यहाँ दो बार आ चुके हैं यहाँ के लोग बहुत ही प्यारे और मस्त मिज़ाज के हैं ! ठग्गू के लडडू , यहाँ की चाट और मलाई मक्खन की मिठास के दीवाने संजीव शर्मा मौका मिलने पर हर बार कानपुर आना चाहते हैं! 
जी हाँ! हम कानपुरिया भी बिल्कुल तैयार हैं आपके स्वागत के लिए ! 
कानपुर की तरफ से संजीव शर्मा को उनकी अभिनय यात्रा के लिए बहुत सारी शुभकामनाएं..


               







रंज ना ☺
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